Aisa Zakhm Diya Hai Lyrics | ऐसा जख्म दिया है Lyrics

Aisa Zakhm Diya Hai Lyrics in Hindi

 

आया हूँ यारों दिल अपना देके

आँखों में चेहरा किसी का लेके

वो दिल का क़ातिल दिलबर हमारा

जिसके लिए मैं हुआ आवारा

मिलते ही जिसने चूमा था मुझको

फिर न पलट के देखा दुबारा

और इसी लिए दोस्तों

मैंने फैसला किया

के फिर कभी किसी से

प्यार नहीं करूंगा

कभी किसी लड़की को

अपना दिल नहीं दूंगा

ऐसा जख्म दिया है

जो न फिर भरेगा

हर हसीं चेहरे से

अब यह दिल दररेगा

हम तो जान देकर

यूँ ही मर मिटे थे

सुन लो ऐ हसीनों

यह हमसे अब न होगा

ऐसा जख्म दिया है

जो न फिर भरेगा

हर हसीं चेहरे से

अब यह दिल दररेगा

हम तो जान देकर

यूँ ही मर मिटे थे

सुन लो ऐ हसीनों

यह हमसे अब न होगा

ऐसा जख्म दिया है

रसीले होंठ छलकते गाल

मस्तानी चाल बुरा कर दे हाल

पालक भड़के के दिल धड़के

उम्र की उठान कडकती कमाल

क़ातिल अदा ज़ालिम हया

मेरे खुदा मेरे ख़ुदा

शोला बदन बहेका

चमन मगर यारों

हम तो जान देकर

यूँ ही मर मिटे थे

सुन लो ऐ हसीनों

यह हमसे अब न होगा

ऐसा जख्म दिया है

जो न फिर भरेगा

हर हसीं चेहरे से

अब यह दिल दररेगा

हम तो जान देकर

यूँ ही मर मिटे थे

सुन लो ऐ हसीनों

यह हमसे अब न होगा

ऐसा जख्म दिया है

रसीले होंठ छलकते गाल

मस्तानी चाल बुरा कर दे हाल

पालक भड़के है के दिल धड़के

उम्र की उठान कडकती कमाल

क़ातिल अदा ज़ालिम हया

मेरे खुदा ओ मेरे खुदा

तू जो कहे तो तारों

में तुझे लेकर चलूं

तू जो कहे तो क़दमों

में उन्हें ल डाल दूं

सीने से लगाके यह

बदन कर दूं गुलाबी

चेहरा चूम करके

मैं बना दूँ आफ़ताबी

हे हे ला ला ला ला ला

हम तो जान देकर

तुमपे मर मिटे हैं

कौन प्यार तुमसे इतना करेगा

ऐसा जख्म दिया है

जो न फिर भरेगा

हर हसीं चेहरे से

अब यह दिल दररेगा

ऐसा जख्म दिया है

आया हूँ यारों दिल अपना लेके

आँखों में चेहरा किसी का लेके

कोई न कोई मेरा भी होगा

यहीं पे कहीं छुपा ही होगा.

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